इंदौर. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौरवासियों को शुक्रवार को 897 करोड़ रुपए के कार्यों की सौगात दी। मुख्यमंत्री राऊ विधानसभा में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के द्वितीय चरण के तहत आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने रंगवासा में करीब 40 करोड़ रुपए से बन रहे कनफेक्शनरी क्लस्टर का भूमिपूजन किया। इसके बाद सांवेर तहसील के 2455 किसानों के 18.07 करोड़, देपालपुर तहसील के 4777 किसानों के 34.61 करोड़ और इंदौर तहसील के 2379 किसानों के 17.48 करोड़ रुपए के ऋण माफी का प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा मकसद मप्र में निवेश की क्रांति लाना है। जीएसटी से हमारी ताकत में काफी इजाफा हुआ है।
दिल्ली की घटना दुखद और चिंताजनक है
राऊ में सभा काे संबाेधित करते हुए कहा कि प्रदेश में भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। मैं दबने, डरने वालाें में से नहीं हूं। लाेगाें काे राेजगार देना ही हमारी प्राथमिकता है। दिल्ली में हुई हिंसा की घटना को लेकर कहा कि ये दु:खद और चिंताजनक है। लोगों को सोचना होगा कि जिस देश की पहचान भाईचारे परस्पर प्रेम से जुड़े है, वहां पर ऐसी घटनाएं कैसे घटित हुई? सीएम ने आईफा अवार्ड को लेकर कहा कि इस आयोजन के बाद देश की नजरें प्रदेश पर होंगी। मैंने आईफा को प्रदेश में लाने के लिए पूरा जोर लगाया।
सबसे पहले आशा कन्फेक्शनरी का दौरा किया
बाणगंगा स्थित आशा कन्फेक्शनरी के कार्यक्रम में शामिल होने आए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा - हमारा प्रदेश पांच राज्यों से घिरा हुआ है, जो हमारी सबसे बड़ी ताकत है। जीएसटी आने के बाद इस ताकत में और इजाफा हुआ है। हम इसका पूरा फायदा उठाएंगे। हमारी सोचा और नजरिया पूरी तरह से स्पष्ट है। हम चाहते हैं कि मप्र में निवेश की एक क्रांति आए। यह केवल शासन की नीतियों से संभव नहीं है। इसके लिए हमें प्रदेशवासियों के सहयोग की जरूरत है। प्रदेशवासी व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़ें, जिससे मप्र में आर्थिक तेजी आए। मप्र की तुलना छोटे नहीं बड़े प्रदेशों से हो यही हमारा मकसद है।
वक्त की मांग है “रिवाइवल ऑफ द वीकेस्ट”
कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के 125वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट की अवधारणा वर्तमान समय में सही साबित नहीं होती, बल्कि आज की जरूरत रिवाइवल ऑफ द वीकेस्ट है। अर्थात सरकार एवं समाज को हर स्तर पर गरीब, पिछड़े लोगों की सहायता कर उन्हें अपने स्तर तक लाना आवश्यक है। दुनिया हर पांच-दस साल में परिवर्तित हो रही है। भारत भी बदल रहा है एवं लोगों की आवश्यकताएं परिवर्तित हो रहीं हैं। अतः सीआईआई को यह प्रयास करना चाहिए कि वह लोगों की बदलती हुई आवश्यकताओं के अनुसार एक मोटीवेटिंग इंडस्ट्री के रूप में कार्य कर सके।
प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज के विकास की असीम संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य उद्यानिकी क्षेत्र में देश में दूसरे स्थान पर आता है एवं थोड़े ही प्रयासों से प्रथम स्थान पर आने की क्षमता भी रखता है। उद्यानिकी फसलों के लिए प्रोसेसिंग इकाइयों का होना आवश्यक है, जिससे कि बाजार में मार्केटेबल फिनिश्ड गुड्स उपलब्ध कराई जा सके। इस प्रकार किसान एवं औद्योगिक इकाइयों दोनों को ही लाभ मिलेगा।
प्रदेश को लॉजिस्टिक हब बनाने की ओर बढ़ रहे कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य देश के केंद्र में स्थित होने के कारण लॉजिस्टिक हब बनने की संपूर्ण संभावनाएं रखता है । उन्होंने कहा कि इसे हम ड्राई पोर्ट के रूप में भी विकसित कर सकते हैं। एयर कनेक्टिविटी के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि विभिन्न बड़ी कंपनियों की आवश्यकता होती है कि जहां वे कार्य करें वहां इंटरनेशनल फ्लाइट कनेक्टिविटी आसान हो। इस दिशा में भी संपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने सीआईआई एमपी से भी इस कार्य के लिए एक प्रपोजल तैयार करने को कहा।
मध्यप्रदेश को बनाया जाएगा फॉर्मास्युटिकल हब
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा - मध्यप्रदेश को फॉर्मास्युटिकल हब बनाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने औद्योगिक संस्थानों से आह्वान किया है कि वे मध्यप्रदेश में आएं, रिसर्च करें और फॉर्मास्युटिकल औद्योगिक ईकाइयों की स्थापना करें। उन्होंने कहा यहां इसके लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद है। मध्यप्रदेश में सबसे अधिक जैवविविधता है। उन्होंने बताया कि सन फार्मा ने अपने रिसर्च की शुरुआत कर दी है। प्रदेश में उपलब्ध जड़ी-बुटियों और अन्य संसाधनों की मदद से वह कैंसर के इलाज के लिए 70 प्रतिशत से अधिक खोज को पूरा कर चूकी है। बैठक में मुख्यमंत्री पीथमपुर संबंधी औद्योगिक ईकाइयों और औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं को भी सुना।