उज्जैन.उज्जैन से फतेहाबाद स्टेशन के बीच 22.90 किलोमीटर तक बड़ी लाइन बिछाने का काम आखिरी दौर में पहुंच गया है। रेल अफसर प्रोजेक्ट मार्च के आखिरी सप्ताह तक इसे पूरा करने में जुटे हैं। कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) से निरीक्षण करवाकर इस रूट को यात्री ट्रेनों के लिए खोल दिया जाएगा।
डीआरएम का कहना है कि इस रूट पर पहली ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस को चलानेे के लिए बोर्ड को प्रस्ताव भेजा था, जिसे स्वीकृति मिल गई है। इसके अलावा इंदौर-खजुराहो ट्रेन का संचालन भी किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए बोर्ड की सहमति नहीं मिली है। फिलहाल उज्जैन से इंदौर के लिए व्हाया देवास 79 किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है।
6 साल लगे नवीनीकरण में
- 2014 फरवरी में बंद हुआ था ट्रैक
- 2018 जुलाई में शुरू हुआ काम
- 150 करोड़ रुपए खर्च हुए
- 4 बड़े और 25 छोटे ब्रिज बनाए
- 1 रेल ओवरब्रिज और रेल अंडरब्रिज बनाया जा रहा है।
- 2 स्टेशन चिंतामण और लेकोड़ा को दिया नया स्वरूप।
- 650 बिजली के खंभे विद्युतीकरण के लिए लगवाए
निर्माण कार्य पूरा, सीआरएस की डेट का इंतजार
गेज परिवर्तन का काम पूरा हो गया है। निर्माण कंपनी ने दस्तावेज भी सब्मिट कर दिए हैं। सीआरएस की डेट का इंतजार है। पहली ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस होगी।विनीत गुप्ता, डीआरएम