इंदाैर. ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के तत्काल बाद शहर में उनके कई समर्थकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस छोड़ने वालों में पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल भी शामिल थे। पटेल ने भाजपा में शामिल होने के संबंध में रविवार को स्थानीय कार्यकर्ताओं को बुलाया और पूछा कि उन्हें क्या कदम उठाना चाहिए तो 95 फीसदी कार्यकर्ताओं ने उन्हें कांग्रेस नहीं छोड़ने की सलाह दी। इसके बाद पटेल ने कांग्रेस से दिए अपने इस्तीफे को वापस ले लिया।
रविवार को पूर्व विधायक पटेल के घर पर एक हजार से अधिक कार्यकताओं का जमावड़ा लगा। 6 घंटे चली कवायद के बाद यह बात सामने आई कि 95 फीसदी कार्यकर्ताओं ने पटेल को पार्टी न छोड़ने की सलाह दी। इसके बाद पटेल ने तत्काल वरिष्ठ नेता सीपी शेखर से चर्चा की और कार्यकर्ताओं की इच्छा बताई। शेखर ने पटेल से कहा कि सोशल मीडिया पर दिए गए इस इस्तीफे को पार्टी ने मंजूर ही नहीं किया था। पहले की तरह काम करते रहो।
पटवारी ने कहा- दोगुनी ताकत से काम करते रहें
बाद में मंत्री जीतू पटवारी ने भी पटेल से बात की और कहा कि दोगुनी ताकत से पार्टी के लिए काम करते रहें। इसके बाद सत्यनारायण पटेल ने कहा कि पटेल परिवार हमेशा से कांग्रेस के प्रति वफादार रहा है और विषम परिस्थितियों में पार्टी का साथ निभाते आया है और हमेशा निभाता रहेगा।
होली के दिन 22 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था
होली के दिन मंगलवार को कांग्रेस के 22 विधायकों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना इस्तीफा सौंपा। इनमें से 19 विधायकों ने अपने इस्तीफे हाथ से लिखकर सीएम को भेजे। इनमें से 18 के इस्तीफे महज 1-1 लाइन के थे। इसके करीब 3 घंटे बाद बिसाहूलाल सिंह भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने इस्तीफे का ऐलान किया। इसके बाद एंदल सिंह कंसाना और मनोज चौधरी ने भी इस्तीफे की घोषणा कर दी।